बुधवार को सारा देश जहां रावण का पुतला दहन कर दशहरा मना रहा था. वहीं कानपुर देहात में महामानव रावण की पूजा-अर्चना कर शोभा यात्रा निकाली गई. हजारों की संख्या में लोग ‘जय लंकेश-कटे कलेश’ के नारे लगाते रहे और हजारों की संख्या में लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली.
कानपुर देहात के पुखरायां इलाके में रावण का पुतला नहीं जलाया गया, बल्कि रावण की पूजा-अर्चना की गई. महामानव रावण की शोभा यात्रा निकाली गई. पूरे इलाके में रावण को घुमाया गया. हजारों की तादाद में लोगों ने ‘जय लंकेश-कटे क्लेश’ के नारे लगाए. ये सिलसिला लगभग 28 सालों से चला आ रहा है. कार्यक्रम आयोजक का कहना था कि महामानव रावण को नहीं जलाना चाहिए. महामानव रावण ज्ञानी थे और सर्वशक्तिमान थे.