मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। इस सत्र में कमलनाथ सरकार ने निजी क्षेत्र में नौकरियों में मध्य प्रदेश के लोगों को 70 फ़ीसदी आरक्षण देने के लिये क़ानून बनाने की तैयारी में है।
मंगलवार को विधानसभा में एक सवाल पर कांग्रेस और बीजेपी विधायकों की नोकझोंक के बीच मुख्यमंत्री ने सदन को यह जानकारी दी। कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की गुजरात या पश्चिम बंगाल से तुलना नहीं हो सकती क्योंकि उन राज्यों में वहीं की भाषा में पेपर होते हैं।
सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश विधानसभा में कहा कि निजी क्षेत्रों में राज्य के स्थाई निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। नई औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन योजना में आरक्षण के प्रावधान को रखा गया है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाई के शुरू होने पर इसे लागू किया जाएगा। इसके मुताबिक, कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थाई निवासियों को ही देना होगा।
बता दें कि विधानसभा चुनाव जीतने के तुरंत बाद कमलनाथ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग यहां की नौकरियों पर कब्जा जमा लिए हैं। हमारी सरकार इसे रोकने के लिए प्राथमिकता से काम करेगी।निजी क्षेत्र में आरक्षण का प्रावधान लाकर कमलनाथ सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ने जा रही है। जिससे स्थानीय लोगों को ज्यादा रोजगार मिल सके।