लोकसभा के मानसून सत्र में बस्तर सांसद दीपक बैज ने ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं से जुड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने सवाल किया कि पूरे देश में कुल 5028 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र चल रहे हैं. जिसमें छत्तीसगढ़ में 206 केंद्र संचालित है. लेकिन बस्तर क्षेत्र के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र संचालित नहीं है. यहां कब तक संचालित किया जाएगा ?
सांसद बैज ने कहा कि उक्त संचालित केंद्रों में 714 दवा उपलब्ध है. देश में महंगी दवाओं के कारण लगभग 6 से 8 करोड़ लोग गरीब हो रहे हैं, जबकि ब्रांडेड दवाओं के नियंत्रण DPO के द्वारा तय किया जाता है. क्या सरकार को दवा कंपनियों पर नियंत्रण नही है ? क्या निजी डॉक्टरों के द्वारा सस्ती दवा लिखने के लिए सरकार कानून बनाएगी?