इन दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सहित कांग्रेस पार्टी अन्य नेता और कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलेगी, 7 सितंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। इस यात्रा को भारतीय राजनीति और लोकतंत्र के लिए वरदान बताया जा रहा है। भले ही कांग्रेस पार्टी बार-बार कह रही हो कि इस यात्रा का कोई राजनीतिक मकसद नहीं है, मगर भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को भारतीय राजनीति में फिर से जिंदा कर सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का असर गुजरात, हिमाचल सहित अन्य विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा कि भारत जोड़ो यात्रा का गुजरात विधानसभा चुनाव में कितना असर पड़ता है और कांग्रेस को इस यात्रा का गुजरात विधानसभा चुनाव में कितना फायदा होगा ?
कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। कांग्रेस का लगभग देश के हर राज्य में वजूद जिंदा है। कांग्रेस को कुछ करने की जरूरत है तो वह हैं अपने कार्यकर्ताओं में जोश, जज्बा और हौंसला भरने की। भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में एक उम्मीद जरूर जगी है। इस उम्मीद को कांग्रेस पार्टी कितने आगे तक ले कर जाती है, यह देखना बाकी है। आज देश के आम जन मानस की आवाज़ उठाने का कार्य अगर कोई राजनीतिक पार्टी कर रही है तो वह एकमात्र कांग्रेस पार्टी दिखाई दे रही है। अन्य राजनीतिक पार्टियों ने कही ना कही केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा के खिलाफ जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने में अपने हकों के लिए समझौते किए हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक सत्ता के नशे में चूर भाजपा से लड़ रही हैं।
भारत जोड़ो यात्रा का कांग्रेस को राजनीतिक फायदा हो या ना हो, मगर आम जनता को यह सोचने पर अवश्य मजबूर करेगा कि पिछले 8 सालों में देश में हिंदू-मुस्लिम, जात-पात के अलावा और क्या हुआ है ? देश के कितने युवाओं को रोजगार मिला हैं और महंगाई कितनी कम हुई है ? महिलाओं, दलितों और आदिवासियों का उत्पीड़न कितना बढ़ा है ? समाज में आपसी भाईचारा और सौहार्द कितना कम हुआ है ? भारत का रुपया कितना गिरा है ? देश की अर्थव्यवस्था का क्या हाल है ? विपक्षी नेताओं को सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स के जरिए कैसे डराया जा रहा है ? राज्यों में सरकार बनाने के लिए कैसे विपक्षी विधायकों को खरीदा जा रहा है और कैसे विपक्षी पार्टी की सरकारों को तोड़ा जा रहा है ?
इस यात्रा का देश की राजनीति में जितना असर पड़ेगा उतना ही असर गुजरात के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिलेगा। इस यात्रा के बाद से जिस तरीके से बीजेपी कांग्रेस पर हमले कर रही है। उसे ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में धर्म-जात और ध्रुवीकरण की राजनीति को हराकर जनता विकास, रोजगार, सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की बात करेंगी। जिससे गुजरात की जनता यह समझने में कामयाब होगी कि भाजपा ने पिछले 27 सालों से राज्य और 8 सालों से केंद्र में रहकर सिर्फ बंटवारे की राजनीति की है। भाजपा के पास विकास के नाम पर सिर्फ हिंदू-मुस्लिम, दलित-ब्राह्मण और मंदिर-मस्जिद के अलावा कुछ भी नहीं है।