टीम इंडिया की क्रिकेट जर्सी पर अब ओप्पो इंडिया लिखा नजर नहीं आएगा क्योंकि बीसीसीआई ने अपने स्पॉन्सर करार को बायजू को बेच दिया है। आपको बता दें, ओप्पो एक चाइनीज मोबाइल कंपनी है। जिसके साथ 2017 में बीसीसीआई का करार हुआ था। आपको बता दें, वेस्टइंडीज दौरे के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों की जर्सी पर बायजू लिखा नजर आएगा।
टीम इंडिया की जर्सी पर कई कंपनियों को जगह मिली है। जिसके लिए कंपनियां बीसीसीआई को मोटी रकम अदा करते है। आपको बता दें, ओप्पो के साथ बीसीसीआई का अब तक सबसे महंगा स्पॉन्सर करार था।
वैसे स्पॉन्सर का इतिहास बेहद पुराना नहीं है। सन्- 1999 से लेकर 2000 तक टीम इंडिया की जर्सी पर आईटीसी लिमिटेड का नाम दिखता था। तब आईटीसी एक टेस्ट मैच के लिए 22 लाख और एक वनडे मैच के लिए 17.5 लाख रुपये का भुगतान करती थी। 2000 में एक फिर से आईटीसी ने बीसीसीआई के साथ दो साल के लिए नया अनुबंध किया। जिसके तहत टेस्ट के लिए 35 लाख और वनडे के लिए 30 लाख रुपये प्रति मैच देना मंजूर हुआ था। 2002 में आईटीसी का अनुबंध समाप्त होने के बाद बीसीसीआई को नया स्पॉन्सर के रूप में सहारा मिला। सहारा के साथ बीसीसीआई का करार 7 साल तक चला। 2002 से लेकर 2009 तक। तब भारतीय टीम की जर्सी नीली हुआ करती थी। एक बार फिर 2009 से 2012 तक सहारा टीम इंडिया का स्पॉन्सर बना। जिसके लिए सहारा बीसीसीआई को एक टेस्ट के लिए 1.91 करोड़ और एक वनडे के लिए 2.09 करोड़ रूपये देता था। 2012 में सहारा ने तीसरी बार फिर टीम इंडिया का स्पॉन्सरशिप जारी रखी। इस बार प्रति मैच 3.34 करोड़ का अनुबंध किया गया।
सन् 2014 में बीसीसीआई ने सहारा के साथ अपना अनुबंध समाप्त कर दिया। जिसके बाद टीम इंडिया के स्टार के रूप में नया स्पॉन्सर मिला। स्टार बीसीसीआई को प्रति में 1.92 करोड़ देता था। 2017 में चाइनीज कंपनी ओप्पो ने बीसीसीआई के साथ नया करार किया। जिसमें ओप्पो कंपनी बीसीसीआई को प्रति मैच 4.61 करोड़ देता था। जो बीसीसीआई की अब तक सबसे बड़ी स्पॉन्सरशिप की रकम है। ओप्पो ने 1079 करोड़ रूपये देकर टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप हासिल की थी।
आपको बताते चलें, भारतीय जर्सी में अब भारतीय कंपनी बायजू की नाम दिखेंगा। जिससे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में नया उत्साह और जोश देखने को मिलेंगा।