गुजरात विधानसभा चुनावों का बिगुल जल्द ही बजने वाला है, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस गुजरात में अपने 27 सालों से सत्ता से बाहर के सूखे को खत्म कर पाएगी ? पिछले विधानसभा चुनाव यानि 2017 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए भाजपा को दहाई सीटों पर ही रोका था। जिसके बाद से प्रदेश कांग्रेस में नया जोश और जज्बा देखने को मिला। कांग्रेस इस जोश और जज्बे को लंबे समय तक बरकरार रखने में नाकामयाब रही। जिससे पार्टी के भीतर अलग-अलग मत दिखाई दिए। गुजरात विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने जा रहे हैं और भाजपा कांग्रेस पार्टी को तोड़ने में लगी है।
गुजरात की सियासत लगातार गर्म हो रही है। एक तरफ आम आदमी पार्टी गुजरात की जनता को दिल्ली की तरह झूठे सपने दिखा रही है तो वहीं भाजपा गुजरात मॉडल के नाम पर हिंदू-मुस्लिम की पिच बनाने की तैयारी कर रही है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता से जो वादे किए थे, वह अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री का गुजरात में जाकर रैली कर बड़े-बड़े वादे करना उनकी कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हैं। आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं पर विभिन्न आरोप लगे हैं और पार्टी के कई नेता जेल में बंद हैं।
गुजरात की जनता ने भाजपा को 27 साल मौका दिया, मगर भाजपा ने हिंदू-मुस्लिम के अलावा गुजरात में विकास के नाम पर सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों की मदद की है। जिससे गुजरात की आम जनता महंगाई, भ्रष्टाचार और गरीबी से जूझ रही है। इस बार प्रदेश की आम जनता भाजपा के गुजरात मॉडल को सही से समझ चुकी है और जनता भाजपा को करारा जवाब देने के लिए तैयार हो गई है। एक ओर आम आदमी पार्टी इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है तो वही दूसरी ओर इन दिनों आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल की सोशल मीडिया पर पोल खुल रही है। फ्री बिजली और फ्री पानी के नाम पर जिस तरीके से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की भोली भाली जनता को मूर्ख बनाया है, वह आम आदमी पार्टी के दिल्ली विकास मॉडल की हकीकत दिखाता है।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों एक ही तालाब की मछलियां है। इन दोनों पार्टियों का अंदाज एक दूसरे से मिलता है, काम कम प्रचार ज्यादा होता है। बीजेपी जितना पैसा किसी विकास कार्य में खर्चा करते हैं, उससे अधिक उसके प्रचार
-प्रसार में खर्च कर देती है। हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मदुरै में एम्स का 95% निर्माण कार्य पूरा होने का दावा किया। मगर कांग्रेस नेताओं ने जेपी नड्डा के इस दावे को झूठा बताते हुए उस स्थान की फोटो सोशल मीडिया में शेयर की, तो पता चला जिस एम्स का 95% निर्माण कार्य पूरा होने का दावा जेपी नड्डा कर रहे थे, उसका निर्माण कार्य तो दूर की बात अभी ट्रेंडर तक पास नहीं हुए हैं। आखिर देश की जनता से इतना झूठ क्यों ? यही हाल दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों का भी है। दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर जितना जोर से दावा ठोंकती है। जमीनी स्तर पर मोहल्ला क्लीनिकों की हालत उतनी ही अधिक खस्ता दिखाई देती है। विश्वसनीयता के नाम पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों ही साथ खड़े दिखाई देते हैं। यह दोनों पार्टियां कहते कुछ और है, करते कुछ और है। ऐसे में इस बार गुजरात की जनता के पास कांग्रेस के अलावा कोई और विकल्प ऐसा नहीं दिखाई देता है, जो जनता के कदमों से कदमें मिला कर उनकी समस्यों और परेशानियों का हल कर सकें। अब देखना होगा कांग्रेस पार्टी की विश्वसनीयता और जनता के प्रति जिम्मेदारी व इमानदारी कांग्रेस को गुजरात की सत्ता में वापस ला पाती है या फिर नहीं!